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News update

अगर दिमाग में अंधभक्ति नहीं होगी तो लोग जरूर पूछेंगे कि इतने लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है ? ये वो लोग हैं जो कोरोना की वजह से नहीं बल्कि बद इंतजामी की वजह से मरे हैं। ये सभी लोग गरीब परिवारों से हैं।  अगर अमीर होते तो इतनी संख्या में नहीं मरते। मतलब समझ में आना चाहिए कि सरकार किन लोगों के लिए काम कर रही है। अगर हमारे लिए नहीं कर रही तो हमारे वोट की हकदार कैसे हो सकती है ?

News today

अब देश का नाम बदलने की तैयारियां हो रही हैं। इसके बाद संविधान बदलने की बात होगी। बोला जाएगा कि जब इस देश का नाम हिंदुस्तान मतलब हिंदुओं का देश है तो फिर संविधान में धर्म निरपेक्ष शब्द क्यों होना चाहिए ?

History in 30 May

. . . . . . . . . इतिहास में 30 मई . . . . . . . . . . - - - - - - -*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-* - - - - - - - - - आज के दिन यानि 30 मई 1919 को राविंद्रनाथ टैगोर ने जलियांवाला बाग नरसंहार के विरोध में सर की उपाधि वापिस की थी। आज ही के दिन यानि 30-31 मई 1936 को दादर बंबई में एक बड़ी कान्फ्रेंस में डाः अम्बेडकर ने कहा, धर्म बदली करने में आपका कोई नुकसान नहीं, तुम्हारी जंजीरें ही टूटेंगी। भले ही यह समस्या सामाजिक रुतबे के लिए एक संघर्ष मालूम होती है, वास्तव में यह एक वर्ग संघर्ष है। घोर अत्याचार, अधिकार वालों और अधिकार वंचितों के दरम्यान लगातार चलते आ रहे संघर्ष का एक हिस्सा हैं। अपना संघर्ष जारी रखने में दलित वर्गों के पास तीन जरुरी कमियां हैं, मानविय धर्म, मानविय शक्ति नहीं, धन नहीं, बुद्धी नहीं। हिंदू धर्मी रहते यह शक्तियां मिल भी नहीं सकतीं। सच्चे धर्म का उद्देश्य है, मानव की तरक्की। इस उदेश्य की पूर्ती के लिए धर्म, भ्रात्रीभाव समानता और स्वतंत्रता जैसे गुणों की शिक्षा दे। हिंदू धर्म यह गुण नहीं सिखाता। इनके लिए अनुकूल माहैल नहीं दे सकता, विकास के लिए स्वतंत्रता से मुनकर है। शिक्षा, धन दौलत...

History in 29 May

. . . . . . . . . इतिहास में 29 मई . . . . . . . . . . - - - - - - -*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-* - - - - - - - - - आज के दिन यानि 29 मई 1883 को हिंदुत्ववादी नेता और कवि विनायक दामोदर सावरकर का जन्म हुआ था। इनको वीर सावरकर भी कहा जाता है। ये कितने वीर थे इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने काला पानी से रिहाई के लिए अंग्रेजों से चौदह बार लिखित में माफी मांगी और ताउम्र उनका वफादार रहने का वायदा किया। आज ही के दिन यानि 29 मई 1928 को बाबा साहेब अंबेडकर ने साईमन कमिशन को मांग पत्र दिया था। जब गैर दलितों में से सर छोटू राम के सिवाय सारा देश साईमन कमिशन का विरोध कर रहा था तब बाबा साहेब ही थे जिन्होने दूरअंदेशी से काम लेते हुए अपने लोगों की बात रखी और जीत हासिल की। इस के बाद ही लंदन में गोलमेज सम्मेलन हुए और दलितों को पढ़ने लिखने, नौकरी करने और चुनाव लड़ कर संविधान सभायों में जाने के अधिकार मिले। आज ही के दिन यानि 29 मई 1929 को बाबा साहेब ने जलगांव में एक कान्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अछूतों के लिए हिंदू समाज में रहते हुए छूआ छात और सामाजिक नाबराबरी से बच पाना असंभव है। इस...

History in 28 May

. . . . . . . . . इतिहास में 28 मई . . . . . . . . . - - - - - - -*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-* - - - - - - - - - आज के दिन यानि 28 मई 2008 को नेपाल में 240 साल से चली आ रही राजाशाही का अंत हुआ था। करीब दस साल तक चले गृहयुद्ध के बाद राजवंश के हाथों से देश की सत्ता छूट गई। इसके बाद से माओवादी हथियार छोड़कर देश की राजनीति में उतर आए।  28 मई 2008 को वामपंथियों को चुनाव में जीत मिली। तब तत्कालीन नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र को अपदस्थ कर देश को गणतंत्र घोषित कर दिया गया। राजाशाही के समय देश हिंदू राष्ट्र था। वहां का राजा खुद को विष्णु का अवतार कहलाता था। बाद में जब संविधान बना तो ज्यादातर लोगों ने इसे धर्म निरपेक्ष रखने की हिमायत की। नेपाल धर्म निरपेक्ष देश बना भी, लेकिन संघ के इशारे पर नेपाल पुनः हिंदू राष्ट्र की तरफ लौट आया है।                            दर्शन सिंह बाजवा                         संपादक अंबेडकरी दीप

History in 27 May

. . . . . . . . . इतिहास में 27 मई . . . . . . . . . . - - - - - - -*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-* - - - - - - - - - आज के दिन यानि 27 मई 1710 को बाबा बंदा सिंह बहादुर ने सरहिंद पर कब्जा करने के बाद किले के बाहर आम लोगों का इकट्ठ बुलाया और लोकराज का ऐलान किया था। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि आज से जमीन का मालिक सिर्फ काशतकार होगा। उन्होंने जमींदारी की प्रथा को खत्म कर दिया। यह भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया का कोई पहला बादशाह था जिसने जगीरदारी का खात्मा किया। बंदा सिंह ने जो सिक्का जारी किया उस पर उनके खुद के नाम की बजाय गुरू नानक और गुरू गोबिंद सिंह का नाम लिखा हुया था। आज ही के दिन 27 मई 1935 को बाबा साहेब डाः अम्बेडकर की पत्नी (माता) रमाबाई का निरवाण हुआ था। बाबा साहेब की तरक्की में उनका बहुत योगदान था। बाबा साहेब तो संघर्षों में रहते थे और वो सख्त मेहनत करके घर का खर्चा चलाती थीं। इस लिए उनकी मौत के बाद बाबा साहेब ने दुखी हो कर सन्यासी बनने का फैसला कर के गेरूए बस्त्र धारण कर लिए थे। दस हजार से ज्यादा लोग माता रमाबाई की अर्थी के साथ गए। डाः अम्बेडकर की उस समय की मानसिक अवस्था बया...

The real reason for the martyrdom of Guru Arjan Sahib g

ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਸਾਹਿਬ ਦੀ ਸ਼ਹੀਦੀ ਦਾ ਅਸਲੀ ਕਾਰਨ 1469 ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਜਨਮ ਤੋਂ ਗੁਰਗੱਦੀ ਸ਼ੁਰੂ ਮੰਨੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਸਮੇਂ ਹੀ 1526 ਵਿੱਚ ਬਾਬਰ ਹਮਲਾਵਰ ਬਣ ਕੇ ਆਇਆ ਅਤੇ ਆਪਣਾ ਰਾਜ ਕਾਇਮ ਕਰ ਕੇ ਬਾਦਸ਼ਾਹ ਬਣ ਗਿਆ। ਗੁਰਗੱਦੀ ਹੌਲੀ ਹੌਲੀ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਸਾਹਿਬ ਕੋਲ ਪਹੁੰਚੀ। ਅਜੇ ਤੱਕ ਵੀ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਕੋਈ ਇਤਰਾਜ਼ ਨਹੀਂ ਸੀ। ਫਿਰ 1064 ਈਸਵੀ ਵਿੱਚ ਸ਼੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦੀ ਸੰਪਾਦਨਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਜਦੋਂ ਹੀ ਸ਼੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦੀ ਸੰਪਾਦਨਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸੇ ਸਮੇਂ ਬਾਦਸ਼ਾਹ ਅਕਬਰ ਕੋਲ ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਬ੍ਰਾਹਮਣ ਹਨ। ਬ੍ਰਾਹਮਣਾਂ ਨੂੰ ਕਿਉਂ ਤਕਲੀਫ਼ ਹੈ ਇਹ ਗੱਲ ਗੌਰ ਕਰਨ ਵਾਲੀ ਹੈ। ਇਸਦਾ ਅਸਲ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਹੁਣ ਤੱਕ ਗੁਰੂ ਉਹ ਵਿਅਕਤੀ ਬਣਦੇ ਆਏ ਸਨ ਜਿੰਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਜ ਖੱਤਰੀ ਕਹਿ ਕੇ ਉੱਚੇ ਮੰਨਦਾ ਆਇਆ ਹੈ। ਪਰ ਹੁਣ ਪੰਜਵੇਂ ਗੁਰੂ ਨੇ ਇੱਕ ਨਵੀਂ ਗੱਲ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਕਿ ਸ਼ੂਦਰ/ਅਛੂਤ ਅਤੇ ਮਲੇਛ ਕਹੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਬਾਣੀ ਨੂੰ ਵੀ ਉੱਚੀਆਂ ਜਾਤੀਆਂ ਦੇ ਪੁਰਖਿਆਂ ਦੀ ਬਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਦਰਜ ਕਰ ਕੇ ਬਰਾਬਰ ਦਾ ਦਰਜਾ ਦੇ ਦਿੱਤਾ। ਇਸ ਲਈ ਉੱਚ ਜਾਤੀਆਂ ਨੂੰ ਤਕਲੀਫ਼ ਹੋਈ ਅਤੇ ਇਸ ਮਾਮਲੇ ਦੀ ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਰਾਜ ਦਰਬਾਰ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚ ਗਈ। ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਕਰਨ ਦੀ ਜੁਰਅਤ ਵੀ ਇਸ ਕਾਰਨ ਹੋਈ ਕਿਉਂਕਿ ਹਮਾਯੂੰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜਦੋਂ ਅਕਬਰ ਨੇ ਗੱਦੀ ਸੰਭਾਲੀ ਤਾਂ ਉਸਦੀ ਉਮਰ ਬਹੁਤ ਛੋਟੀ ਸੀ। ਉਸਨੂੰ ਵ...

History in 25 May

. . . . . . . . . इतिहास में 25 मई . . . . . . . . . . - - - - - - -*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-* - - - - - - - - - आज के दिन यानि 25 मई 1928 को मराठी लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता व लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के छोटे पुत्र श्रीधर बलवंत तिलक ने आत्महत्या की थी। श्रीधरपन्त का अपने पिता और ब्राह्मणों से अश्पृष्यता के कारण विवाद था। वे सब स्वतंत्रता की आड़ में वही रूढ़ि रिवाज लाना चाहते थे जो कि अन्याय कारक था। उनके अनुसार इससे बेहतर तो अंग्रेज राज ठीक है। श्रीधर अपने पिता से हमेशा लड़ते थे कि वे उन ब्राह्मणों को अनदेखा कर रहे हैं जो धर्म के नाम पर दिन दलितों को उनके हक से वंचित रखना चाहते हैं। यह वाद उनके शादी के समय काफी बढ़ा जब श्रीधर ने शादी के लिए अलग अलग रिवाज के लोगों को आमंत्रित करवाया और शादी में ब्राह्मण रिवाज का विरोध किया जिसके चलते लोकमान्य तिलक ने ब्राह्मणों के आग्रह पर, पंचगव्य प्रसाद को प्रायश्चित के रूप में तैयार किया। श्रीधर पन्त ने उसका विरोध किया और कहा कि अगर आप मेरी शादी के लिए प्रायश्चित चाहते हैं, तो बेहतर है कि शादी न करें। श्रीधर पन्त खुल कर डॉ. बाबा साहब आ...

History in 24 May

. . . . . . . . . इतिहास में 24 मई . . . . . . . . . . - - - - - - -*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-* - - - - - - - - - आज के दिन यानि 24 मई 1885 को सैय्यद अहमद खान ने अलीगढ़ में मुहम्मदीन एंगलो ओरिएंटल स्कूल की स्थापना की जो वर्तमान में अलीगढ़ विश्वविद्यालय के नाम से प्रसि़द्ध है। आज ही के दिन यानि 24 मई 1875 को महात्मा फूले को मराठी लेखकों के समागम में बुलावा आया। फूले जी ने कहा कि हमारी संस्थाएं और किताबों का उनके लेखकों से कोई संबंध नहीं होता जो मानविय अधिकारों के बारे में खुले तौर पर कुछ ना कह सकें। उनकी किताबों का संदेश और शिक्षाएं एक लिफाफेबाजी है जो हमारी किताबों के संदेश से अलग है। आज ही के दिन यानि 24 मई 1896 को जिला लुधियाना के गांव सराभा में शहीद करतार सिंह सराभा का जन्म हुआ था। गदर लहर के सबसे छोटी उम्र के इस नेता को 16 नव्रबर 1915 को 6 और गदरियों के साथ लाहौर में फांसी दी गई। आज ही के दिन यानि 24 मई 1956 को बाबा साहेब डाः भीम राव अम्बेडकर द्वारा तथागत बुद्ध की 2500वीं जन्म शताबदी मनाई गई। दीक्षित होने से पहले ही उन्होंने बौद्ध रीति रिवाज अपनाने शुरु कर दिए थे। आज ...

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चर्चित उन्नाव रेप कांड के दोषी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को हाई कोर्ट से जमानत मिलने की खबर है। लगातार ऐसे ही कई मामलों से स्पष्ट हो रहा है कि देश में न्याय नाम की चीज नहीं रही। न्यायपालिका की हालत ऐसी हो गई है कि उनका काम फैसला सुनाना है, न्याय करना नहीं। फैसला भी वही सुनाया जाएगा जो सरकार कहेगी। अगर पीड़िता उसी जज की बेटी होती, तो भी वह सेंगर को  जमानत दे देता। सेंगर नाम के इस हैवान ने पीड़िता के पूरे खानदान को मार डाला, फिर भी उसे जमानत मिल गई। लानत है ऐसे न्यायपालिका पर।                            दर्शन सिंह बाजवा                         संपादक अंबेडकरी दीप