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इतिहास में 28 अप्रैल आज के दिन यानि 28 अप्रैल 1711 को बादशाह बहादुर शाह के पास खबर पहुंची कि बंदा सिंह बहादुर की फौज में 5000 मुस्लिम पठाण भर्ती होने को तैयार हो गए हैं। बादशाह बहादुर शाह के पास पहुंची खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक बंदा सिंह ने मुसलमानों को वचन दिया है कि उनकी हर तरह से रक्षा की जाएगी। उनको खुतबा और नमाज की इजाजत दी गई है। ऐसा होने से मुस्लमान सैनिक बाग़ियों की फौजों में सुकून महसूस कर रहे हैं। जैसे इतिहास में दर्शाया जाता रहा है, अगर बंदा सिंह बहादुर ज़ालिम होते और सिर्फ मजहब के आधार पर ही मुसलमानों से नफरत कर रहे होते तो मुस्लमान उनकी फौज में शामिल होने की भूल कभी नहीं करते। आज ही के दिन यानी 28 अप्रैल 1740 को मराठा शासक पेशवा बाजीराव प्रथम और उनकी दूसरी पत्नी मस्तानी का निधन हुआ था। 28 अप्रैल को जब बाजीराव अपने खरगांव की जमीन का निरीक्षण कर रहे थे तब बुखार की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। जहां नर्मदा नदी के किनारे रावेर खेड में बाजीराव के शरीर को अग्नि दी गयी। इसके कुछ समय बाद ही पुणे के समीप पबल गांव में मस्तानी की मृत्यु हो गयी। कथाओं के अनुसार, बाजीराव की मृत्यु की ...