. . . . . . . . . इतिहास में 19 जून . . . . . . . . . .
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आज के दिन यानि 19 जून 1928 को बाबा साहेब ने डिप्रेसिड कलासिज सोसायटी कायम की थी। इसी महीने अछूत विद्यार्थियों के लिए दो होस्टल खोले। बाबा साहेब की ओर से की गई अपील की वजह से 1928 में ही बंबई के गवर्नर ने अछूतों के लिए पांच होस्टल और खोल दिए।
आज ही के दिन यानि 19 जून 1951 को उस समय के राष्ट्रपति डाः राजेंद्र प्रसाद ने मलिंद महाविद्यालय का शिलान्यास रखा था। इसकी उसारी बौद्ध इमारतों जैसी करवाई गई है। विद्यार्थी होस्टल के बाहर धर्म चक्र का महान चिन्ह नागसेन-वन की बेमिसाली को दर्शाए बगैर नहीं रहता। मलिंद महाविद्यालय को बाबा साहेब अपना लाडला बेटा कहा करते थे। वो कई कई सप्ताह औरंगाबाद में गुजारा करते थे। श्रद्धालु मिलने आते तो वो पूछा करते, कैसे आए हो? लोग जवाब देते, दर्शन करने। हूं, दर्शन तो हो चुके, अब वह पत्थरों का ढेर हटायो। यह कहकर बाबा साहेब लोगों को काम पर लगा देते। श्रद्धालुओं को इस तरह सेवा करने का अवसर मिल जाता था। {स्रोत: डाः अम्बेडकर जीवन और मिशन, लेखक लाहौरी राम बाली, पेज 281}
दर्शन सिंह बाजवा
संपादक अंबेडकरी दीप
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