. . . . . . . . . इतिहास में 6 मई . . . . . . . . . .
- - - - - - -*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-* - - - - - - - - -
आज के दिन यानि 6 मई 1879 को उत्तर प्रदेश के ग्राम उमरी, पोस्ट सिरसागंज, जिला मैनपुरी में स्वामी अछूता नंद जी का जन्म हुआ था। स्वामी अछूता नंद जी बाबा साहब अंबेडकर जी के साथी थे। अछूतानंद जी ने बाबा साहब के सुझाव पर दलितों के लिए पृथक निर्वाचन के संघर्ष में उनका साथ दिया। 24 सितंबर 1932 को जब येरवड़ा जेल में गांधी जी और बाबा साहब के बीच पूना पैकेट नामक समझौता हुआ था उस पर स्वामी अछूता नंद जी के भी हस्ताक्षर थे। स्वामी जी और बाबा साहब के बीच वर्ण-जाति व्यवस्था और दलितों के मुक्ति के प्रश्न पर गंभीर विचार-विमर्श भी हुआ। दोनों की पहली मुलाकात 1928 में तत्कालीन बंबई में ‘आदि हिन्दू’ आंदोलन के राष्ट्रीय अधिवेशन में हुई थी। दोनों नेताओं ने दलितों की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति पर विचार किया था।
आज ही के दिन यानि 6 मई 1922 को शाहू जी महाराज बड़ौदा की बंबई में प्रीनिरवाण हुआ था। उन्होंने ब्राहमण वर्ग के विरोध के बावजूद निम्न वर्ग को 1902 में सरकारी नौकरियों में 50 फीसदी आरक्षण दिया था। जब हिंदूओं के लिए कांग्रेस और मुसलमानों के लिए मुस्लिम लीग आजादी की जंग लड़ रहे थे तो 21 मार्च 1920 को अपनी अध्यक्षता में बाबा साहेब को नेता के रुप में जनता में उन्होंने ही लोगों के सामने पेश किया था।
आज ही के दिन यानि 6 मई 1932 को सर्व हिंद दलित कांग्रेस के इजलास में शामिल होने के लिए बाबा साहेब कामटी {महाराष्ट्र} पहुंचे। कान्फ्रेंस का पंडाल खचाखच भरा हुआ था। अपने भाष्ण में उन्होंने कहा, मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई है कि दलित वर्ग के लोग मेरे काम से संतुष्ट हैं। उनको मुझपर पूरा विश्वास है और जिस उद्देश्य के लिए मैं संघर्ष कर रहा हूं उसके पीछे वो तगड़े होकर खड़े हैं। मैंने यह प्रण किया है कि मैं उन दबे कुचले लोगों जिनमें मैं पैदा हुआ, पला और रह रहा हूं, की सेवा करते ही मरुंगा। मैं सही रास्ते से एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा भले ही मेरा कितना भी विरोध या आलोचना क्यों ना हो। {स्रोत: डाः अम्बेडकर जीवन और मिशन, लेखक लाहौरी राम बाली, पेज 123}
आज ही के दिन यानी 6 मई 1945 को बाबा साहेब डाः अम्बेडकर ने बंबई में आल इंडिया शैडयूल्ड कास्टस फैडरेशन के इज्लास में शिक्षित हो, संघर्ष करो और संगठित हो का नारा दिया था। यह टिप्पणी महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा छपे ग्रंथ नंः 1 में पेज 357 पर दर्ज है। {स्रोत: सोहन सहजल}
आज ही के दिन यानि 6 मई 2010 को मुंबई में हुए 26/11 हमले के दोष में पकड़े गए पाकिस्तानी अजमल आमिर कसाब को मौत की सज़ा सुनाई गई थी।
दर्शन सिंह बाजवा
संपादक अंबेडकरी दीप

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें