. . . . . . . . . इतिहास में 5 मई . . . . . . . . . .
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आज के दिन यानि 5 मई 1723 को बढ़ई (पंजाबी में तरखाण) जाति में महान सिक्ख जरनैल महाराजा जस्सा सिंह रामगढ़िया का जन्म हुआ था। उस द्वारा श्री दरबार साहेब की रक्षा के लिए किला राम रौणी बनवाने के कारण उनकी जाति खुद को रामगढ़िया कहलाने लगी। अपनी मिसल की सरदारी से वो एक दिन बादशाह बना। अगर जस्सा सिंह को सिक्खों की कमान मिल जाती तो इतिहास कुछ और होता क्योंकि वो काबिल नेता था। लेकिन जातिवादी लोगों ने उसकी पेश नहीं जाने दी।
5 मई 1818 को प्रसिद्ध जर्मन दार्शनिक, अर्थशास्त्री और वैज्ञानिक कार्ल मार्क्स का जन्म हुआ था। रूस और चीन जैसे कई देशों ने मार्क्स के सिद्धांत को अपनाया लेकिन जातीवादी भारत में कार्ल मार्क्स का सिद्धांत सफल नहीं हो सका।
5 मई 2010 को राजस्थान सरकार द्वारा गुर्जरों को 1 प्रतिशत आरक्षण तत्काल और 4 प्रतिशत का बैकलॉग रखने के समझौते के बाद गुर्जरों ने आंदोलन समाप्त कर दिया था। लेकिन यह समझौता सिर्फ समझौता ही रहा। इस आंदोलन की अगुवाई करने वाले किरोड़ी लाल बैंसला भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन गुर्जरों की मांग पूरी नहीं हो सकी। इस आंदोलन में करोड़ों रुपये का सरकार का नुकसान हुआ और 63 आंदोलनकारियों की जान गई फिर भी उनके हाथ खाली रहे। बाबा साहब ने बिना कोई जानी माली नुकसान करवाए ही अपने लोगों को आरक्षण दिलवा दिया था लेकिन कितने अहसान फरामोश हैं हमारे लोग जो आरक्षण लेकर बड़े पदों पर पहुंच कर शुकराना करने के लिए देवी देवताओं की चौखट ढूंढते हैं।
दर्शन सिंह बाजवा
संपादक अंबेडकरी दीप

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