. . . . . . . . . इतिहास में 2 मई . . . . . . . . . .
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आज के दिन यानि 2 मई 1757 को तैमूर लंग ने श्री दरबार साहिब अमृतसर को ढहाया था। इस कहानी की शुरुआत तैमूर के पिता अहमद शाह अब्दाली के जनवरी 1757 में भारत पर हमले से शुरू होती है। जब वो दिल्ली को लूट कर 28000 गाड़ियों पर और घोड़े खच्चरों पर लाद कर बहुत सा धन दौलत ले जा रहा था। रास्ते में सिक्ख फौजों ने उस पर हमले करके काफी ख्जाना लूट कर उसका वजन हल्का कर दिया। इसका बदला लेने के लिए तैमूर ने पंजाब पर हमला किया। उसने गुस्से में आज के दिन सिक्खों के धार्मिक स्थान श्री दरबार साहिब को ढहा दिया और अमृतसर के पवित्र सरोवर को मल्वे से पूर दिया।
आज ही के दिन यानि 2 अप्रैल 1949 को मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या के मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। उनकी हत्या में संघ से संबंधित नाथूराम गोडसे के अलावा कुछ और लोग भी नामजद थे। लेकिन वो शक का लाभ लेते हुए बरी हो गए।
आज ही के दिन यानि 2 अप्रैल 1996 को प्रसिद्ध तांत्रिक चंद्रास्वामी को धोखाधड़ी के आरोप में तिहाड़ जेल की सज़ा सुनाई गयी थी। चंद्रास्वामी भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री पी.वी. नरसिम्हाराव के नजदीकी थे। उनकी गाड़ी बिना किसी चेकिंग के सीधे प्रधानमंत्री हाउस के अंदर जाती थी।
दर्शन सिंह बाजवा
संपादक अंबेडकरी दीप

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