. . . . . . . . . इतिहास में 13 मई . . . . . . . . .
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आज के दिन यानि 13 मई 1920 को शाहूजी महाराज कोल्हापुर के दरबार की ओर से जबरी मजदूरी के विरुद्ध एक हुक्म जारी किया गया कि कोई व्यक्ति पिछड़ी श्रेणियों से जबरदस्ती मजदूरी नहीं करवा सकता। किसी से जबरी काम नहीं करवाया जा सकता, ना ही मांग {अनुसूचित जाती} को रस्से देने के लिए मजबूर किया जा सकता है। आगे लिखा कि जो भी इस हुक्म की अदूली करेगा, उसको सख्त सजाएं दी जाएंगी। इसलिए विरोधी और जातिवादी लोग घृणा से शाहू जी को महारों का महाराजा कहते हैं।
आज ही के दिन यानि 13 मई 1938 को बाबा साहेब कोचन जिले के दौरे पर रवाना हुए। वह कोहलापुर से कंचावली गए। जहां उन्होंने अम्बेडकर नगर नाम के एक विशाल पंडाल में पिछड़े वर्गों की एक भारी कान्फ्रेंस को संबोधन किया। अपने भाष्ण में बाबा साहेब ने सम्मान से जीने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि अगर उनके द्वारा विधान सभा में खोती सिस्टम {एक तरह की बेगारु प्रथा} के खात्मे के लिए पेश किया हुआ बिल फेल हुआ तो फिर उनको मोर्चा लगाने को तैयार रहना चाहिए। {स्रोत: डाः अम्बेडकर जीवन और मिशन, लेखक लाहौरी राम बाली, पेज 169}
दर्शन सिंह बाजवा
संपादक अंबेडकरी दीप

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