. . . . . . . . . इतिहास में 20 अप्रैल . . . . . . . . . .
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आज के दिन यानि 20 अप्रैल 1803 को बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया की मौत हुई थी। वो सिक्ख कौम की एक महान हस्ती थे। उन्होंने अमृतसर की रक्षा के लिए एक किला राम रौणी बनवाया था। बाबा जस्सा सिंह बहुत ही नेक, ऊंचे किरदार के मालिक और शक्तिशाली हुकुमरान थे। अगर सभी सिक्खों ने उनकी अगुवाई को कुबूल कर लिया होता तो निस्संदेह आज का इतिहास और होता। लेकिन जातिवाद ने उनकी पेश नहीं जाने दी।
आज के ही दिन यानि 20 अप्रैल 1939 को पंजाब के जिला संगरुर {अब बरनाला} के रायसर गांव में पंजाबी लोक कवी संतराम उदासी का जन्म हुआ। उदासी जी एक गरीब और दलित (मजहबी सिख) परिवार में पैदा हुए थे। बचपन से ही उन्हें गीत लिखने और गाने का शौक था। परिवार धार्मिक होने के कारण पहले वे धार्मिक गीत लिखते थे। जब नक्सली लहर चली तो उन्होंने क्रांतिकारी गीत लिखने शुरू कर दिये। उनके गीत ऐसे होते थे कि अपने आप ही लोगों की जुबान पर आ जाते थे। लोक संघर्षों का ऐसा कोई समागम नहीं होता था जहां उदासी के गीत ना गाये जाते हों। लोक संघर्षों से ताल्लुक रखने के कारण उन्हें पुलिस का बहुत ज्यादा तशद्दुद भी झेलना पड़ा।
दर्शन सिंह बाजवा
संपादक अंबेडकरी दीप

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