. . . . . . . . . इतिहास में 27 अप्रैल . . . . . . . . . .
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आज के दिन यानि 27 अप्रैल 1526 को बाबर ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोधी को पानीपत के मैदान में पराजित करके मुगलशाही की शुरुआत की थी। गुरू नानक देव जी ने अपनी बाणी में बाबरबाणी शीर्षक तहत बाबर के हमले का वर्णन किया है। उन्होंने लिखा है :
कोई मुगल न होआ अंद्धा किसे ना पर्चा लाया। (गुरु ग्रंथ साहिब, राग आसा, पन्ना ४१८)
मतलब कि जब बाबर हमला करने आ रहा था तो कुछ लोगों को अपनी दैवीय शक्तियों पर भरोसा था और वे कह रहे थे कि हम अपने जंत्र मंत्र से उसे रोक देंगे। उसके रास्ते में ऐसा ताबीज (कागज पर लिखा हुआ) टांग देंगे जिससे बाबर अंद्धा हो जाएगा। लेकिन किसी की भी रूहानी शक्ति ने कोई काम नहीं किया। बाबर मारधाड़ करता हुआ आया और जीत गया। बाबर द्वारा किये गए कत्लेआम के बारे में भी गुरु नानक देव जी ने अपनी बाणी में लिखा है। उन्होंने इसका कारण लिखा है कि यह सब इसलिए हुआ क्योंकि लोग सत्ता के नशे में सदाचार को भूल गए थे और अपनी मस्तियों में गुलतान हो गए थे। तब से लेकर 1857 तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में दिल्ली पर मुगल वंश का शासन चलता रहा।
दर्शन सिंह बाजवा
संपादक अंबेडकरी दीप

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